‘छह की उम्र से शुरू होती है औपचारिक शिक्षा; बच्चों के दाखिले में जल्दबाजी ‘लर्निंग डेफिसिट’ पैदा न कर दे’

सही समय पर, सही उम्र में, पहली कक्षा में जाना-शिक्षा की नींव को मजबूत बनाने का एक बहुत अहम हिस्सा है।

Read More

‘स्कूल के तीसरे सत्र पर संकट की आहट; सीखने-सिखाने की प्रक्रिया बच्चे के हिसाब से तय हो’

अगर स्कूली शिक्षा को दुनिया के साथ कदम-से-कदम मिलाकर चलना है, तो शिक्षा व्यवस्था और व्यवहार को गहराई से समझकर मूल रूप से बदलना होगा।

Read More

‘परीक्षा के सिस्टम में सिरे से बदलाव बेहद ज़रूरी’

स्कूल के बाहर भी बच्चे बहुत सारी बातें सीखते हैं, लेकिन इसकी कोई ट्रैकिंग नहीं होती है। इसलिए अब जब स्कूल खुल रहे हैं तो हमें यह जानने की बहुत ज्यादा जरूरत है कि इस दौरान उन्होंने क्या सीखा है।

Read More

‘बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए नई सीख का सहारा लेकर नए रास्ते बनाने होंगे’

महामारी के इस अनुभव से गुज़रने के बाद, शिक्षा के ‘क्यों’, ‘क्या’, ‘कब’, ‘कहां’, ‘कौन’ और ‘कैसे’ जैसे सवालों के जवाबों को बिल्कुल नए तरीके से सोचना होगा

Read More